Monday, September 2, 2019

Happy Ganeshchaturthi

Happy Ganeshchaturthi

यह कविता गणेशजी और आज के इंसान के बीच हुए वार्तालाप के बारे में है
इसका किसी भी धर्म जाति या इंसान के साथ कोई सीधा संबंध नहीं है
ना ही यह किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का उद्देश्य रखती है
इसे केवल कहानी और मनोरंजन समझकर पढ़ें.

21st century Ganeshchaturthi

मंडप सजा तैयारियां हुई अब बप्पा का आगमन होने वाला है 
जिसने पूरे साल मंदिर में कदम भी नहीं रखा वो speaker के गानों पर खोने वाला है

यह देखकर नारद जी से रहा न गया और पूछ उठे बप्पा से एक सवाल 
वह भी थे बड़े मस्तीखोर और हंस कर देने लगे सारे जवाब

ले गए नीचे धरती पर और मिलाया अपने भक्तों से 
जो ना जाने तैयारी कर रहे थे उनके आने की कितने हफ्तों से

धर लिया इंसान का रूप और एक इंसान से बातें करने लगे 
धीरे-धीरे नारद जी के सभी सवालों के जवाब इंसानों से ही मिलने लगे

           बप्पा द्वारा इंसान को पूछे गए सवाल 

यह इतना तामझाम और सजावट आखिर क्यों करते हो 
बस एक मूर्ति ही तो है तो फिर लाखों रुपया बर्बाद क्यों करते हो 

गाने तो फिल्मी बजाकर dance टपोरी style में करते हो 
गरीबों को बाहर खड़ा करके इंसानों में यूं भेदभाव क्यों करते हो

क्या जानते हो इस प्रथा के पीछे का इतिहास क्या है ??
नहीं?? तो फिर बाहुबली और PUB G के रूप में इन्हें स्थापित क्यों करते हो

Accident का वीडियो शूटिंग और जानवरों को लकड़ियों से पीटते हो 
अगर नहीं देख सकते दूसरे जीव में भगवान तो ये भक्ति का दिखावा क्यों करते हो

ना ही कभी इनकी तरह अपने मां-बाप की प्रदक्षिणा की है तुम लोगों ने 
फिर क्यों इनकी भक्ति का नाम लेकर इन्हें बदनाम करते हो

           इंसान द्वारा दिए गए सवालों के जवाब

हमें मतलब है अपनी मस्ती से चाहे करोड़ों रुपए ही क्यों ना लग जाए 
गरीबों के लिए वक्त नहीं हमारे पास चाहे वह लाखो ही क्यों ना मर जाए

भजन का यह जमाना नहीं बस यहा डीजे से काम चलता है 
गरीब को लात मारो और पैसे वालों को लूटो बस यही हर कोई यहा करता है

Competition का यह जमाना है इतिहास के बारे में कौन सोचेगा 
सच कहा तुमने, सिर्फ मूर्ति ही तो है, बाहुबली हो या PUB G बनाने से कौन रोकेगा

इंसान ही इंसान को और इस पृथ्वी को बर्बाद करता है 
आखिर तुम ही बताओ ये 10 दिन और पूजा के अलावा बप्पा को कौन याद करता है

बस इतने ही संस्कार बचे हैं हमारे अंदर इन्हीं से काम चल जाता है 
और बस इसी दिखावे की भक्ति से हमें हमारी जिंदगी का फल मिल जाता है

Ganeshchaturthi poem 2019 it shows the reality of today's generation which actually do not have any real faith in God , they just want their timepass on name of God. Hindi poem Ganeshchaturthi 2019.

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